मायावती के घर दनदनाते घुसे NSG कमांडो, सायरन बजाती एंबुलेंस आई बाहर, भारी पुलिसबल तैनात, हुआ तो हुआ क्‍या?

मायावती के घर दनदनाते घुसे NSG कमांडो, सायरन बजाती एंबुलेंस आई बाहर, भारी पुलिसबल तैनात, हुआ तो हुआ क्‍या?

NSG Commandos Mayawatis Residence

NSG Commandos Mayawatis Residence

लखनऊ : NSG Commandos Mayawatis Residence: मायावती अपनी सुरक्षा को लेकर सशंकित रहती हैं. पिछले साल उन्होंने एक पत्र लिखकर पुल से असुरक्षित होने की बात कही थी, जिसके बाद महापुरुषों की प्रतिमाएं उनके आवास में शिफ्ट कर दी गईं. अब वे महापुरुषों की जयंती और पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करती हैं. मायावती ने सुरक्षा को लेकर जो चिंता जाहिर की थी. मंगलवार को आतंकवादियों ने बीएसपी मुखिया के आवास पर अटैक कर दिया ऐसी अफवाहे सामने आ रहीं थीं.

दरअसल, राहत की बात ये है कि ये कोई आतंकवादी हमला नहीं था, बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की सुरक्षा को लेकर मंगलवार को एनएसजी की मॉकड्रिल थी. इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री के आवास की सुरक्षा व्यवस्था को परखा गया. इस मॉकड्रिल में सुरक्षा कर्मी और ड्राइवर शामिल हुए. स्थानीय पुलिस, फायर विभाग और मेडिकल टीम एंबुलेंस के साथ मौजूद रही. करीब आधा घंटा तक ये मॉकड्रिल चली. घायलों को समय पर उचित इलाज मिल सके इसके लिए एंबुलेंस को तत्काल आवास के अंदर बुलाया गया और घायलों को आनन फानन में एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया.

पुल से जताया था सुरक्षा को खतरा : बता दें कि बीएसपी कार्यालय के ठीक सामने पुल है. इसकी ऊंचाई कार्यालय की इमारत से ज्यादा है. कार्यालय के अंदर बसपा सुप्रीमो डॉ. भीमराव आंबेडकर और बसपा संस्थापक कांशीराम की प्रतिमा पर जयंती और पुण्यतिथि पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने आती हैं. पूर्व मुख्यमंत्री ने पिछले साल आशंका जाहिर की थी कि उनकी सुरक्षा को इस पुल से खतरा है, क्योंकि ऊंचाई पर कोई भी खड़ा होकर किसी भी घटना को अंजाम दे सकता है. इसके बाद मायावती का यह पत्र काफी चर्चा का विषय बना था. बसपा सुप्रीमो ने अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ही बसपा कार्यालय से सभी महापुरुषों और हाथियों की प्रतिमाएं अपने आवास की तरफ शिफ्ट कर लीं जिससे पुल की ऊंचाई से कोई भी खतरा पैदा ही न हो सके. अब अपने आवास पर ही जयंती और पुण्यतिथि पर महापुरुषों को श्रद्धा सुमन अर्पित करती हैं.

ब्लैक कैट के नाम से जाने जाते हैं एनएसजी के कमांडो : राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड भारत की आतंकवाद रोधी इकाई है. इसे ब्लैक कैट के नाम से भी जाना जाता है. यह गृह मंत्रालय के अधीन होता है. सिख आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद एनएसजी की स्थापना 16 अक्टूबर 1984 को की गई थी. आतंकवाद से निपटने और राज्यों को आंतरिक गड़बड़ियों से बचाने के लिए NSG स्थापित की गई थी. एनएसजी के कमांडो तेज और त्वरित हमला करते हैं और फिर तत्काल वापस आ जाते हैं. NSG के कमांडो को मनोवैज्ञानिक टेस्ट पास करना होता है. इन कमांडो को अंधेरे में लड़ना, निशाना लगाना, दुश्मन को पकड़ना, रात में नेविगेट करना, जंगल में सरवाइव करना, जंगल में खाना खोजना, आश्रय बनाना और दुश्मन से छिपने की विशेष तौर पर ट्रेनिंग दी जाती है, इसीलिए NSG कमांडो से आतंकवादियों का बचना लगभग नामुमकिन ही होता है.